मालीवाड़ा निवासी संजय सैनी की हत्या कर शव ठिकाने लगाने के लिए की गई साजिश क्राइम पेट्रोल सीरियल देखकर तैयार की गई थी। बुधवार को जेल से पुलिस कस्टडी रिमांड पर लाए गए तीनों हत्यारोपियों ने पूछताछ में यह राज खोला। 10 घंटे की पीसीआर पर लाए गए आरोपियों को हिंडन नदी पर ले जाकर घंटों सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया, लेकिन 19 दिन बाद भी संजय की लाश बरामद नहीं हो सकी।
मालीवाड़ा निवासी संजय सैनी मनी ट्रांसफर का काम करते थे। गत 7 फरवरी की शाम को वह कलेक्शन के लिए घर से निकले और वापस नहीं आए। पुलिस ने जांच में सुबूत जुटाकर हत्यारोपियों नीलेश, उसके भाई दिनेश तथा उनके दोस्त गौरव को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के अनुसार साढ़े 3 हजार रुपये के विवाद में नीलेश के घर पर संजय की हत्या कर शव हिंडन में फेंका गया। आरोपियों ने संजय की बाइक व आलाकत्ल हिंडन में फेंका और सात सौ मीटर दूर शव नदी में फेंक दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए संजय का मोबाइल चलते ट्रक में फेंक दिया था। ताकि लोकेशन बदलती रहे। हिंडन से बाइक व रॉड बरामद कर पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को जेल भेज दिया था। एसएचओ गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि आरोपियों को पीसीआर पर लेकर पूछताछ की गई और लाश बरामद करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
नाले में भी लाश ढूंढने की लगाई गुहार
सूचना मिलने पर संजय सैनी के परिजन सिहानी गेट थाने पहुंच गए। पिता जयप्रकाश को शक है कि लाश फेंके जाने की जगह के बारे में आरोपियों ने गुमराह किया। उन्हें अंदेशा है कि जिस मकान में संजय की हत्या हुई, उसी के पास एक गहरा नाला है। हो सकता है कि उस नाले में लाश ठिकाने लगाई गई हो। उन्होंने नाले में भी लाश सर्च करने की गुहार लगाई। परिजनों ने यह भी कहा कि अगर हिंडन नदी में सफाई कराने में पुलिस नाकाम है तो वह खुद जेसीबी लेकर सफाई करा देंगे।
क्राइम पेट्रोल देख रची थी लाश ठिकाने लगाने की साजिश